यह है वो जगह जहा आज भी गड़े हुए है महादेव के त्रिशुल के तीन टुकड़े !!
यह है वो जगह जहा आज भी गड़े हुए है महादेव के त्रिशुल के तीन टुकड़े !!
जम्मू से 120 किलोमीटर दूर तथा समुद्र तल से 1225 मीटर की ऊंचाई पर पटनीटॉप के पास शुद्ध महादेव मंदिर स्थित है । यह मंदिर शिवजी के प्रमुख मंदिरों में से एक है ।इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है यह है कि इस मंदिर में एक विशाल त्रिशूल के तीन टुकड़े जमीन में गड़े हुए हैं जो कि माना जाता है कि यह स्वयं भगवान के हैं।इस मंदिर से कुछ दूरी पर माता पार्वती की जन्मभूमि मानतलाई है इस मंदिर का निर्माण लगभग 2800 वर्ष पूर्व हुआ था ।
जैसा की हमने आपको बताया की सुध महादेव के पास ही मानतलाई है जो कि माता पार्वती की जन्मभूमि है। माता पार्वती रोज मानतलाई से इस मंदिर में पूजन अर्चन करने आती थी एक दिन जब माता पार्वती वहां पूजा कर रही थी तो वहां पर एक सुशांत राक्षस आया जो कि भगवान शिव का ही वक्त था जब सिद्धांत राक्षस ने माता पार्वती को देखा तो उसने उनसे बात करने की इच्छा जाहिर की जैसे ही माता पार्वती की पूजन करके आंखें खुली तो वह अपने सामने राक्षस को खड़ा पाकर घबरा गई। और जोर जोर से चिल्लाने लगी यह सुन हिमालय पर ध्यान में लीन महादेव ने राक्षस को मारने के लिए अपना त्रिशूल फेंका। त्रिशूल सीधा सुधांत राक्षस के सीने में लगा। उधर त्रिशुल फेंकने के बाद महादेव को ज्ञात हुआ कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो गई। उन्होंने वहां आकर सुधार को पुनर्जीवित करने की इच्छा जाहिर की परंतु उसने मना कर दिया क्योंकि बहुत चाहता था कि उनके इष्ट देव के द्वारा मोक्ष की प्राप्ति हो।
उन्होंने सुधान्त राक्षस की बात मान ली और कहा कि यह जगह आज से तुम्हारे नाम से जानी जाएगी। इसलिए यह जगह उस दिन से सुध महादेव के नाम से जानी जाती है। साथ ही उस त्रिशूल के तीन टुकड़े करकर वहां गाड़ दिए जो आज भी वही है। मंदिर परिसर में एक ऐसे स्थान भी है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां सिद्धांत दानव की अस्थियां रखी हुई है।
बोल के तीन टुकड़े मंदिर परिसर में खुले में गड़े हुए हैं। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा त्रिशूल के ऊपर वाला हिस्सा है मध्यम आकार वाला बीच का हिस्सा तथा नीचे का हिस्सा सबसे छोटा है।
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