एक ऐसा मंदिर जहा प्रसाद में मिलते हैं सोंने के सिक्के!!!
इस मंदिर में मिलते हैं प्रसाद में सोंने के सिक्के
मंदिर में प्रसाद के रूप में लड्डू, पेड़े और दूसरी मीठी चीजों का मिलना तो आम बात है लेकिन अगर हम आपको कहें कि मंदिर में प्रसाद के तौर पर आपको सोने चांदी के गहने मिलेंगे तो एकबारगी आप उस पर यकीन न करें लेकिन सच तो यही है कि भारत के कुछ मंदिरों में प्रसाद के तौर पर आपको गहने मिलते हैं। अगर आप चाहें तो जाकर खुद देख लें।
यह है महालक्ष्मी देवी का मंदिर जो मध्यप्रदेश के रतलाम में स्थित है। लक्ष्मी धन की देवी है इस मंदिर में आकर आपको साक्षात् दिखेगा। नोटों से पूरा का पूरा मंदिर सजा होता है और हर आने वाले भक्त को प्रसाद के तौर पर कुछ गहने या रूपये दिये जाते हैं। लेकिन यह प्रसाद सिर्फ दीपावली के दिनों में मिलता है जब कुबेर का दरबार सजता है। इन दिनों पूरे साल प्रसाद में चढ़े गहने और रूपये भक्तों में बांट दिए जाते हैं।
प्रसाद में सोने के गहने
आप ये बात तो जानते ही होंगे कि मंदिर में पूजा करने के बाद अक्सर प्रसाद दिया जाता है। जिसमे खाने की चीज़े जैसे लड्डू, मिठाई, फ्रूट्स आदि होते हैं, लेकिन इस मंदिर की ये खासियत है कि यहाँ आपको प्रसाद में सोने के गहने दिये जाते हैं। अक्सर लोग मंदिरों में जाकर अपने गहने और कीमती सामान दान करते हैं। इस मंदिर में साल के कुछ दिनों में कुबेर का दरबार लगता है और इस कुबेर के दरबार वाले दिन यहाँ भक्तों को प्रसाद के रूप में सोने के आभूषण के साथ नगदी भी दी जाती है। इस मंदिर में पूरे साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है और यहाँ आकर भक्त अपनी श्रध्दा अनुसार सोना-चाँदी और नगदी चढ़ाते है।
खासकर धनतेरस और दिवाली के समय यहाँ भक्तों द्वारा खूब सोना चढ़ाया जाता है और महालक्ष्मी का श्रृंगार किया जाता है। यहाँ पर इतनी मात्रा में सोना और पैसा चढ़ाया जाता है कि सुरक्षा के लिहाज से इस मंदिर में पुलिस और कैमरे चौबीस घंटे तैनात रहते हैं। वहीं चढ़ावे में मिले गहने और पैसे का पूरा हिसाब किताब भी मंदिर समिति द्वारा रखा जाता है।महालक्ष्मी का ये मंदिर बहुत ही प्रसिद्द है और यहाँ आने वाला भक्त कभी खाली हाथ नहीं जाता है, उसकी मनोकामना हमेशा पूरी होती है प्रसाद के रूप में मिले सोने के गहने और नगदी को लोग संभालकर रखते है, कहा जाता है कि इससे घर में बरकत आती है।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ महालक्ष्मी माता ही भक्तों को गहने देती हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान सिद्धि विनायक मंदिर में भी गणेश जी की कृपा जिन भक्तों पर होती है उन्हें प्रसाद स्वरूप चांदी के सिक्के मिल जाते हैं। लेकिन यह तभी होता है जब काफी मात्रा में गणेश जी को चांदी के सिक्के चढा जाते हैं। भक्तों के चढ़ाए सिक्के भक्तों में ही बांट दिए जाते हैं।
ऐसा नहीं है कि देवी लक्ष्मी ही भक्तों को प्रसाद में गहने देती हैं आप अगर वैष्णो देवी जाएंगे तो यहां भी आपको माता के दर्शन के बाद एक छोटा सा सिक्का मिलता है जिस पर माता वैष्णो देवी की पिंडी अंकित होती है। देखने में यह चांदी के सिक्के जैसा लगता है। जबकि यह चांदी का नहीं बल्कि दूसरे कई धातुओं से मिलकर बना होता है।
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