दानव गुरु शुक्राचार्य के संबंध में काशी खंड महाभारत जैसे ग्रंथों में कई कथाएं वर्णित हैं। शुक्राचार्य भृगु महर्षि के पुत्र थे। देवताओं के गुरु बृहस्पति अंगीरस के
अर्द्धनारीश्वर शिव सृष्टि के प्रारंभ में जब ब्रह्माजी द्वारा रची गई मानसिक सृष्टि विस्तार न पा सकी, तब ब्रह्माजी को बहुत दुःख हुआ। उसी समय आकाशवाणी हुई ब्रह्मन्!
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा तुम शंकरजी के पास जाओ। शंकरजी के पास पाशुपत नामक एक दिव्य सनातन अस्त्र है। जिससे उन्होंने पूर्वकाल में सारे दैत्यों का