काल भैरव के मंत्र जो आपका जीवन बदल देंगे ..
शिव की क्रोधाग्नि का विग्रह रूप कहे जाने वाले कालभैरव का अवतरण मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी को हुआ। इनकी पूजा से घर में नकारत्मक ऊर्जा, जादू-टोने, भूत-प्रेत आदि का भय नहीं रहता। शिव पुराण में कहा है कि भैरव परमात्मा शंकर के ही रूप हैं।
काल भैरव को प्रसन्न करने के कुछ अचूक मंत्र
१ -अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्, भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि
इस मंत्र को रोज ग्यारह बार जपने से उसका अभीष्ट जरूर मिलता है।
२-मन्त्र – ॥ ऊं भ्रं कालभैरवाय फ़ट ॥
साधना विधि – काले रंग का वस्त्र पहनकर तथा काले रंग का ही आसन बिछाकर, दक्षिण दिशा की और मुंह करके बैठे तथा उपरोक्त मन्त्र की 108 माला रात्रि को करें।
लाभ – इस साधना से भय का विनाश होता है। ध्यान के बाद इस मंत्र का जप करने का विधान है।
३-॥ऊं भ्रं काल भैरवाय फ़ट॥
।। ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:।।
|| ॐ भयहरणं च भैरव: ||
ये मंत्र समस्त प्रकार की बाधाओं के संहार में सहायक अति तीव्र भैरव मन्त्र है
४-ऊं ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
शत्रु बाधा निवारण हेतु ये मंत्र बहुत कारगर है
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