क्यो नही रुक पाते है राजा महाराजा उज्जैन नगरी में , जानिए अद्भुत रहस्य
प्राचीनकाल से चली आ रही मान्यता आज भी प्रचलित है । उज्जैन शहर एक ऐसा शहर है जहां राजा हो या मंत्री रात्रि विश्राम नहीं करता है । यदि कोई राजा या मंत्री रात्रि विश्राम कर लेता है तो उसे अपनी सल्तनत गवनी पड़ जाती है । उज्जैन में स्तिथ महंकालेश्वर मंदिर तीन भागों में बटा हुआ है । मंदिर के निचले हिस्से में महाकाल दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है । इस हिस्से में भगवान शिव , माता पार्वती , गणेश और कार्तिकेय की मूर्ति विराजित है । मंदिर में बीच वाले हिस्से में ओमकारेश्वर और ऊपर नागेश्वर मंदिर स्तिथ है। भगवान शिव का यह एकमात्र मंदिर है जहाँ महाकाल रूपी प्रतिमा स्तिथ है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा भोज के समय से उज्जैन शहर में कोई भी राजा रात नही रुक सकता था। एसा इसलिए हुआ क्योंकि उज्जैन का राजा बाबा महाकाल ही है ।बाबा महाकाल के होते हुए कोई भी राजा , प्रधानमंत्री , सीएम उज्जैन नगरी में रात्रि विश्राम नही कर सकता है। यदि कोई रात्रि विश्राम करने की कोशिश करलेता है तो उसे सज़ा भुगतनी पड़ती है।यह धारना को सही ठहराने के आज भी उज्जैन में उदाहरण उपस्थित है :-
- मोरारजी देसाई देश के चौथे प्रधानमंत्री जब उज्जैन में रात रुके थे उसके अगले दिन ही उनकी सरकार गिर गयी थी।
- कर्नाटक के सीएम वाईएस येदियुरप्पा जब उज्जैन में रात रुके थे तब उन्हें 20 दिनों में स्तीफा देना पड़ा ।
- ज्योतिरादित्य सिंधिया आज भी उज्जैन में रात नही रुकते है।
- किवंदत्ति के अनुसार राजा विक्रमादित्य के बाद से उज्जैन के राजा ने कभी भी उज्जैन नगरी में रात नही बिताई । और जिसने ऐसा किया वो आपबीती कहने के लिए जीवित नही बचे थे ।
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