पढ़िए गणेशजी के मुख्य १२ नाम और जानिए उनसे जुड़े रहस्य के बारे में…!!!
धार्मिक कहानियाँ (Religious Stories)
प्रथम पूज्य गणेश (Ganesh) जी को विभिन्न नामों से जाना जाता है आज हम आपको गणेश (Ganesh) की के नाम और उन नामों के रहस्य के बारे में बता रहें है, आइये जानते है:
(1) सुमुख
गणेश (Ganesh) जी का मुख प्रति पल देखने पर नया ही लगता है।
भोलेनाथ (Bholenath) और माता पार्वती (Parwati) के दोनों पुत्रों को स्वाभाविक रूप से ही सुमुखी कहा जाता है।
गणेश (Ganesh) जी के मुँह की संपूर्ण शोभा का आंकलन करते हुए इन्हें मंगल के प्रतीक के रूप में माना गया है और इसलिए इन्हें सुमुख के रूप में संबोधित किया जाता है।
(2) एकदंत
परशुराम (Parshuram) के प्रहार से गणेश (Ganesh) जी का एक दांत टूट गया।
इस कारण गणेश (Ganesh) जी को एकदंत भी कहा जाता है।
एकदंत की भावना ऐसा भी दर्शाती है कि जीवन में सफलता वही प्राप्त करता है, जिस का एक लक्ष्य हो।
एक शब्द माया का बोधक है और दाँत शब्द मायिक का बोधक है।
श्री गणेश (Ganesh) जी में माया और मायिक का योग होने से वे एकदंत कहलाते हैं।
गणेशजी के मुख्य १२ नाम
(3) कपिल
कपिल का अर्थ गोरा, ताम्रवर्ण, मटमैला होता है।
जिस प्रकार कपिला गाय धूँधले रंग की होने पर भी दूध, दही, घी आदि पौष्टिक पदार्थों को दे कर मनुष्यों का हित करती है उसी तरह कपिलवर्णी गणेश (Ganesh) जी बुद्धिरूपी दही, आज्ञारूप घी, उन्नत भावरूपी दुग्ध द्वारा मनुष्य को पुष्ट बनाते हैं तथा मनुष्यों के अमंगल का नाश करते हैं, विघ्न दूर करते हैं।
(4) गजकर्ण
गणेश (Ganesh) जी का चौथा नाम गजकर्ण है जो उनके हाथी के बड़े कान के कारण पड़ा है ।
(5) लंबोदर
किसी भी तरह की भलीबुरी बात को पेट में समाहित करना बड़ा सदगुण है।
भगवान शंकर (Shankar) के द्वारा बजाए गए डमरू की आवाज के आधार पर गणेश (Ganesh) जी ने संपूर्ण वेदों का ज्ञान प्राप्त किया।
माता पार्वती जी के पैर की पायल की आवाज से संगीत का ज्ञान प्राप्त किया।
शंकर (Shankar) का तांडव नृत्य देख कर नृत्य विद्या का अध्ययन किया।
इस तरह से विविध ज्ञान प्राप्त करने और उसे समाहित करने के लिए बड़े पेट की आवश्यकता थी।
(6) विकट
विकट अर्थात भयंकर। श्री गणेश (Ganesh) अपने नाम को सार्थक बनाने के लिए समस्त विघ्नों को दूर करने के लिए विघ्नों के मार्ग में विकट स्वरूप धारण करके खड़े हो जाते हैं।
(7) विघ्ननाशन
श्री गणेशजी (Ganesh) का सातवाँ नाम विघ्ननाशक है। वास्तव में भगवान गणेशजी(Ganesh) समस्त विघ्नों के विनाशक हैं और इसीलिए किसी भी कार्य के आरंभ में गणेश (Ganesh) पूजा अनिवार्य मानी गई है।
धार्मिक कथा ( Religious Story)
(8) विनायक
विनायक का अर्थ होता है- विशिष्ट नेता। गणेश (Ganesh) जी में मुक्ति प्रदान करने की क्षमता है।
(9) धूमकेतु
धूमकेतु का सामान्य अर्थ धूँधले रंग की ध्वजावाला होता है।
मनुष्य के आध्यात्मिक और आधि-भौतिक मार्ग में आने वाले विघ्नों को अग्नि की तरह भस्मिभूत करने वाले गणेशजी का धूमकेतु नाम यथार्थ लगता है।
(10) गणाध्यक्ष
गणपति जी दुनिया के पदार्थमात्र के स्वामी हैं।
साथ ही गणों के स्वामी तो गणेश (Ganesh) जी ही हैं।
इसीलिए इनका नाम गणाध्यक्ष है।
(11) भालचंद्र
गजानन जी अपने ललाट पर चंद्र को धारण करके उस की शीतल और निर्मल तेज प्रभा द्वारा दुनिया के सभी जीवों को आच्छादित करते हैं।
व्यक्ति का मस्तक जितना शांत होगा उतनी कुशलता से वह अपना कर्तव्य निभा सकेगा। गणेश (Ganesh) जी गणों के पति हैं।
(12) गजानन
गजानन अर्थात हाथी के मुँह वाला।
॥ जय गणेश ॥
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