अद्भुत मंदिर मुरादें पूरी होने पर चढ़ाने होते हैं पत्थर; आश्चर्य किन्तु सत्य..!!!
भारतीय पौराणिक कथा (Indian Mythological Story)
कोटिकालिना काडू बसप्पा-अकसर यह तो हम सभी ने सुना ही है की जब भी हम भगवान्(Bhagwaan) से कुछ मांगते है ।
-अपनी मुरादें पूरी होने पर हम मंदिर(Mandir) जाकर देवी-देवताओं पर हमारी यथाशक्ति अनुसार सोना, चांदी, फल-फूल या फिर मिठाई चढ़ाते है।
– उनका धन्यवाद् अर्पित करते हैं।
-लेकिन क्या आप जानते है हमारे देश में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां मन्नत पूरी होने पर लोग ये सारी चीज़ें नहीं चढ़ाते है।
-ना ही कोई कीमती चीज़ें चढ़ाते है।
-बल्कि भगवान(Bhagwaan) पर पत्थर चढ़ाते हैं।
-जी हाँ यह पढ़कर आपको हैरानी तो हो ही रही होगी लेकिन यह सच है।
कोटिकालिना काडू बसप्पा (Kotikalini Kadu Basappa)
-कर्नाटक के मांड्या के किरागांदुरू-बेविनाहल्ली रोड पर स्थित ‘कोटिकालिना काडू बसप्पा‘ नामक इस अनोखे मंदिर में भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर पत्थर का चढ़ावा चढ़ाते हैं।
-यह मंदिर(Mandir) बैंगलुरु-मैसूर नेशनल हाईवे पर मांड्या शहर से महज़ 2 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है।
–मंदिर(Mandir) आने वाले श्रद्धालुओं के मुताबिक, यहां आप भगवान को किसी भी साइज़ का पत्थर समर्पित कर सकते हैं।
-लेकिन हां प्रार्थना के लिए आपको सिर्फ़ 3 से 5 पत्थरों का ही चढ़ावा चढ़ाना होता है।
-यही कारण है कि मंदिर(Mandir) के बाहर विभिन्न आकार के ढेर सारे पत्थर जमा हो गए हैं।
धार्मिक कथा ( Religious Story)
-कोटिकालिना काडू बसप्पा की ख़ासियत ये है कि यहां पूजा-अर्चना के लिए कोई भी पुजारी नहीं है।
-इतना ही नहीं, इसका कोई स्थायी ढांचा भी नहीं है।
-दर्शन के लिए आने वाले भक्त ही ख़ुद ही पूजा करते हैं।
-इस मंदिर में भगवान शिव(Shiv) की एक मूर्ति भी स्थापित है, जिन्हें स्थानीय लोगों भगवान काडू का दर्जा दिया हुआ है।
-परंपरा के मुताबिक, जब भी किसी इंसान की मनोकामना पूरी होती है, तो वो अपने खेत या फिर ज़मीन से पत्थर लाकर यहां चढ़ा देता है।
-यहाँ मंदिर(Mandir) में आने वाले ज़्यादातर श्रद्धालु किसान होते हैं।
-वो अपने सुखद जीवन या फिर अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं।
-फसलों की कटाई के बाद किसान मंदिर(Mandir) में जाकर 3 या 5 पत्थरों का चढ़ावा चढ़ाते हैं.’।
ये मंदिर सबूत है इस बात कि अगर दिल साफ़ और भगवान पर आस्था हो, तो उन्हें ख़ुश करने के लिए एक पत्थर ही काफ़ी है और कहते हैना पत्थर में भी भगवान् बस्ते है।
॥ जय महाकाल ॥
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